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International Journal of Sanskrit Research
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International Journal of Sanskrit Research

2020, Vol. 6, Issue 4, Part C

वाल्मीकीय रामायण के परिपेक्ष्य में महाकवि भास की रामकथा का अध्ययन एवं विश्लेषण

शत्रुघ्न कुमार

महाकवि भास ने अपनी रामकथा में वाल्मीकीय रामकथा के कतिपय कथानकों की मौलिक उद्भावना की है, जिससे उनकी रामकथा एक नवीन स्वरूप ग्रहण कर पायी है। वल्कल प्रकरण का सौन्दर्यीकरण हो, कैकेयी की निर्दोषता हो अथवा प्रतिमा-दर्शन की अनुपम नाट्य-चित्रणादि हो। भास एक कुशल नाटककार की तरह अपनी नाट्य-कला का सृजन करते हैं। इस प्रयत्न में यद्यपि उनके कुछ कथानक अत्यंत रमणीय हैं। जैसे- प्रतिमा-दर्शन एवं सीता-हरणादि। किंतु कुछ प्रकरणों में उनकी कथात्मकता शिथिल एवं बाधित दिखायी पड़ती है। फिर भी कुल मिलाकर उनकी रामकथा, रामकथा की महान परंपरा को एक नयी दिशा देता दिखायी पड़ता है और एक प्राचीन नाटककार के रूप में उनकी महानता को दर्शाता है
Pages : 163-167 | 804 Views | 230 Downloads


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How to cite this article:
शत्रुघ्न कुमार. वाल्मीकीय रामायण के परिपेक्ष्य में महाकवि भास की रामकथा का अध्ययन एवं विश्लेषण. Int J Sanskrit Res 2020;6(4):163-167.

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